बुधवार, 16 मार्च 2011

भाजपा शासन काल में प्रदेश में हो रहे किसानों की आत्महत्या का मामला आज विधानसभा में गूंजा



रायपुर !     भाजपा शासन काल में प्रदेश में हो रहे किसानों की आत्महत्या का मामला आज विधानसभा में गूंजा। विपक्षी दल कांग्रेस ने काम रोको प्रस्ताव के तहत यह मामला उठाते हुए इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की। अध्यक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा स्थगन प्रस्ताव मंजूर नहीं किए जाने पर जमकर हंगामा व नारेबाजी की गई। जिसके कारण सदन की कार्रवाई बाधित रही। विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा जिसके चलते श्री कौशिक ने सदन की कार्रवाई १० मिनट के लिए स्थगित कर दी।  बाद में संसदीय कार्यमंत्री ने प्रभावित दोनो किसान के परिजनों को १-१ लाख मुआवजा देने की घोषणा की। 
प्रश्नकाल के तुरंत बाद कांग्रेस सदस्य नंदकुमार पटेल ने यह मामला उठाया। देवभोग का किसान नागेन्द्र नाथ तथा बस्तर के किसान जागेश्वर धु्रव ने आत्महत्या की है। प्रदेश के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। एक किसान की मृत्यु के बाद दो मंत्री उनके परिजनों से मिलने भी गए थे। बस्तर में ग्रामीण विकास बैंक का कर्ज अदा नहीं कर पाने के कारण किसान ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक ९ हजार ४८९ किसान आत्महत्या कर चुके हैं। आत्महत्या के प्रकरण का जो राष्ट्रीय अभिलेख जारी हुआ है उसमे दर्ज है। श्री पटेल ने कहा देवभोग का किसान कर्ज पटा दिया था इसके बाद भी ग्रामीण विकास बैंक के प्रबंधक ने धमकी दी थी इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। श्री पटेल अन्य काम रोक इस पर चर्चा कराए जाने की मांग की। सदस्य मो. अकबर ने कहा कि उद्योगपतियों व्यापारियों पर करोड़ों रुपए बिजली बिल बकाया है सरकार उनकी बिजली क्यो नहीं काटती। लेकिन  ३२ हजार का कर्ज अदा नहीं करने पर तहसीलदार किसान को धमकाता है। जिसके कारण दबाव में आकर किसान ने आत्महत्या की है। कानून केवल किसानों के लिए हैं उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। उन्होंने कहा उद्योगों पर करोड़ों का बकाया है। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि जिस तहसीलदार के दबाव के कारण किसान ने आत्महत्या की है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा 
कि प्रतिदिन तीन-चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस सदस्यों ने एक साथ खडे होकर इस मामले में सरकार की तरफ से जवाब मांगा। नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे ने कहा कि विपक्ष ने इस मामले में स्थगन दिया है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को जमीन जंगल दे रहे हैं। 

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