रविवार, 4 दिसंबर 2011

महापंचायत के बाद किसानों ने निकाली रैली

 मांगों को लेकर किसानों ने सौंपा ज्ञापन



कांकेर। कांकेर जिले में लगातार दो वर्षों से अकाल की स्थिति निर्मित हो रही है। जिसके कारण किसानों की स्थिति दिनोदिन बदतर होती जा रही हैं। किसान कर्ज में डूबता ही जा रहा हैं इसी कारण गत वर्ष कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र के एक किसान को आत्महत्या करने को मजबूर होना प़ड़ा था। कांकेर जिले के सात तहसील को अकालग्रस्त घोषित करने की मांग किसानों के द्वारा लगातार की जा रही थी। किसान महापंचायत के द्वारा आंदोलन की चेतावनी देने के बाद राज्य शासन ने विलंब से कांकेर जिले की सभी तहसील को अकालग्रस्त घोषित किया है किंतु किसानों को उनके फसल का मुआवजा प्रदान करने, राहत कार्य प्रारंभ करने के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। सहकारी समिति के द्वारा की जा रही धान खरीदी में भारी अनियमितता बरती जा रही है। सरकार के द्वारा किसानों को २७० रुपए बोनस देने का वायदा किया गया था।
जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है। किसान महापंचायत के द्वारा सोमवार को जिला मुख्यालय कांकेर में किसानों की महारैली निकाल कर अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की। मांगे पूरी नहीं होने पर जिले के किसान मजदूर किसान महापंचायत के बैनर तले उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। मांगों में कहा है कि अकालग्रस्त कांकेर जिले के किसानों को तत्काल प्रति एक़ड़ २० हजार रुपए मुआवजा प्रदान की जाए, अकाल के कारण मजदूर पलायन कर रहे हैं प्रत्येक गांव में अतिशीघ्र राहत कार्य प्रारंभ किए जाए, किसानों के समस्त कृषि ऋ ण माफकर जिन किसानों ने ऋ ण जमा कर दिए हैं उन्हें वापस किया जाए, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष में १५० रुपए दिन का रोजगार दे एवं किसानों के समस्त कृषि कार्य भूमि मरम्मत, जुताई, बुआई, निंदाई, कटाई आदि कराया जाए, सरकार धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल १५०० रुपए निर्धारित करे व प्रदेश सरकार अपने वायदे के अनुरूप २७० रुपए का बोनस २००९ से प्रदान करे। जिले के नागरिकों को राशन दुकान से प्रदान किए जा रहे उसना चावल को तत्काल बंद किया जाए, दुधावा बांध का पानी नरहरपुर तहसील के सुरही क्षेत्र के किसानों को देने नहर का निर्माण किया जाए, रेल लाइन हेतु भानुप्रतापपुर ब्लाक के लगभग ४३८ किसान परिवार की अधिग्रहित भूमि स्वामियों के परिवार के एक सदस्य को तत्काल नौकरी एवं प्रति एक़ड़ १० लाख रुपए मुआवजा प्रदान किया जाए, सरकार अपने वायदे के अनुरूप किसानों को सिंचाई हेतु मुफ्त बिजली प्रदान करें, धान खरीदी केन्द्र में इलेक्ट्रानिक कांटे से तौल कर धान की खरीदी हो व तत्काल भुगतान की व्यवस्था हो, सरकार २ लाख रुपए का किसान बीमा योजना लागू कर आश्रित परिवार को पेंशन प्रदान करे। इस दौरान राजेश तिवारी, शिव नेताम, चन्द्रप्रकाश ठाकुर, हरनेक सिंह औजला, मानक दरपट्टी, ब्रम्हाशंकर दर्रो, विजय ठाकुर, बिरेश ठाकुर, शंकर ध्रुवा, भुनेश्वर नाग, पवन कौशिक, मनोज जैन, राघवेन्द्र राजपूत, दिनेश जायसवाल, सुरेश सोनी, अजय सिंह, यासिन कराणी, तरेन्द्र भंडारी, सुद्घु राम कुंजाम, देवा राम साहू, रामउ पटेल, विरेन्द्र मंडावी, मणी राम साहू, दुल्लू नरेटी, महात्मा सिन्हा, राजेन्द्र सलाम, कुंदन दर्रो, श्रीमती स्वर्णलता सिंग, कांती नाग, पूजा बोरकर, मांडवी दीक्षित, रोशन आरा, लाली बनर्जी, सुशीला ध्रुव, रेख मनडोली, वरलक्ष्मी ब्रम्हा, ज्योति साहू, भिखनतिन नेताम, मीना आदि उपस्थित थे।