रविवार, 31 अक्तूबर 2010

प्रियदर्शनीय इंदिरा गांधी एवं लौह पुरूष पटेल का नमन

कांकेर:- भारत की पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनीय स्व. इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि एवं लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेसजनों ने महान नेताओं को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। गांधी उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेसजनों ने स्व.इंदिरा गांधी एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूर्व मंत्री शिव नेताम ने कहा कि दोनो महान नेता देश के लिए जिए एवं देश हित में अपने प्राणों की आहूती दे दी।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि स्व.इंदिरा जी ने देश की एकता एवं अखंडता के लिए अपना सर्वस्व निछावर किया है। बाल्यकाल से ही इंदिरा जी स्वाधीनता आन्दोलन में कूद पड़ी थी। वे देश के लिए पैदा हुई और देश के लिए ही अपना बलिदान दे दिया।
 श्री तिवारी ने कहा कि आजादी के बाद विभिन्न राज्यों का शक्ति के साथ भारत में विलीनीकरण करने का काम सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था इसी कारण उन्हे लौह पुरूष की उपाधी मिली थी।
कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष पवन कौशिक, उपाध्यक्ष मनोज जैन, आशीष दत्तराय, प्रदेश प्रतिनिधि जितेन्द्र सिंह ठाकुर, दिलीप खटवानी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेश बिछिया, महिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष स्वर्णलता सिंह, शहर अध्यक्ष झमित जैन,  वरलक्ष्मी ब्रम्हम, इसहाक अहमद, राजेश शर्मा, लक्ष्मणपुरी गोस्वामी, सरस्वती नायर, ज्योति साहू, महेन्द्र यादव, रोशन आरा, निर्मल देवनाथ, यास्मीन खान आदि उपस्थित थे।

बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

राहुल के बारे में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने वाले नेता को मौन श्रद्धांजलि

राजनीति में सस्ती लोकप्रियता पाने व खबरों मे बने रहने के लिए नेताओं के द्वारा अपने राजनैतिक विरोधियों के बारें में हल्की एवं ओछी भाषा का प्रयोग किया जाना एक शगल बनता जा रहा हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के चुनावी सभा में जदयू नेता शरद यादव के द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री राहुल गांधी के बारे में की गई टिप्पणी की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम हैं। श्री राहुल गांधी को गंगा में बहाने की बात करने वाले ऐसे नेता को ही किसी गंदे नाले में विसर्जित कर देना चाहिए।
ऐसा कोई पहली बार नही हो रहा है, इसके पहले भी विरोधी दल के नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी एवं अन्य कांग्रेस नेताओं के बारे में ऊलजलूल टिप्पणी कर चुके हैं। विशेष कर भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गटकरी, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जैसे अनेक नेता कांग्रेस के दोनो नेताओं के बारे में अपने दिल की भड़ास निकाल चुके हैं। ये लोग श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी जैसी लोकप्रियता देश की जनता के बीच हासिल नही कर पाए हैं। जिसकी कसक उनके दिलों में जरूर उठती होगी यही कारण है कि गाहे बगाहे ऐसे नेता हल्की टिप्पणी करके मिडिया में प्रचार पा जाते हैं और बाद में अपने बयान से ही मुकर कर कहते हैं कि उनकी जुबान गलती से फिसल गई।
देश में अनेक ऐसे नेता हुए है जो कुछ दिनों तक तक तो अपनी भाषा के कारण खबरों में बने रहे, किन्तु बाद में वे लोग किस गंदे नाले के गटर में पड़े है उनका कोई अतापता भी नही हैं। ऐसे नेताओं को मौन श्रद्धांजलि अर्पित करना ही श्रेयष्यकर हैं।

महंगाई डायन खाय जात है

प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह एक ओर केन्द्र सरकार पर महंगाई पर नियंत्रण नही कर पाने का आरोप लगा कर अपने सभाओं में पिपली लाईव का गाना महंगाई डायन खाय जात है गाते हैं। दूसरी ओर यात्री किराया में 17.5 प्रतिशत की वृद्धि कर आम जनता के ऊपर बोझ डालने का काम किया हैं। डा. रमन सिंह वास्तव में आम जनता को महंगाई से राहत दिलाना चाहते तो पेट्रोल एवं डीजल में राज्य सरकार के द्वारा लगाये जा रहे 25 प्रतिशत टैक्स में कमी कर यात्री बस किराये में वृद्धि को रोक सकते थे। किन्तु ऐसा ना कुछ करते हुए केन्द्र सरकार के ऊपर आरोप लगा कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री मान बैठे हैं। एक तो वैसे भी यात्री बसों के मालिक राज्य शासन के द्वारा निर्धारित किराये से ज्यादा ही लेते हैं, उस पर सरकार का कोई नियंत्रण नही हैं। यात्रियों के द्वारा शिकायत भी की जाती है तो उस पर कार्रवाई करने वाला कोई नही हैं।
डा. रमन सिंह पिपली लाईव का गाना गाना छोड़ दें क्योंकि बस किराये में वृद्धि के बाद आम जनता अब गा रही है कि रमन डायन खाय जात हैं। 

रविवार, 24 अक्तूबर 2010

कांग्रेस में कालिख की राजनीति

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री व्ही. नारायण सामी के ऊपर कालिख फेकने की शर्मनाक घटना की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम हैं। इस घटना से निःसंदेह पार्टी की छवि खराब हुई हैं एवं कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं में ऐसे कृत्य करने वालों को संरक्षण देने वाले नेताओं के प्रति घृणा की भावना जागृत हुई हैं। 
राजनीति में व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए राजनीतिक पद हासिल करने की होड़ लगी हैं, पार्टी के प्रति निष्ठा के स्थान पर व्यक्ति के प्रति निष्ठा जताने में लोग ज्यादा लग गये हैं। इसके लिए व्यक्ति नीचे गिर कर भी पद प्राप्त करने के लिए निकृष्ट हरकत करने से भी नही चुक रहा हैं। पार्टी के बडे़ बनने वाले तथाकथित नेता अपने स्वार्थों की पूर्ति करने के लिए अपने समर्थकों को मोहरा बना कर इस्तमाल कर रहे हैं। 
बस्तर संभाग के एक नेता जिसकी कभी पार्टी में तूती बोला करती थी, दलबदल करके अपनी प्रतिष्ठा को जनता के बीच समाप्त कर चुके हैं। उस नेता के एक समर्थक जो उनके साथ ही दलबदल करते रहा हैं ने प्रदेश कांग्रेस का सदस्य बनने के लिए इस घृणित कार्य को अंजाम दिया हैं। उक्त नेता के पुत्र ने लोकसभा चुनाव में पार्टी टिकट नही मिलने पर कांग्रेस महासचिव व्ही. नारायण सामी  का पुतला फंूक चुका हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को हराने के लिए पूरा परिवार प्रण प्राण से एकजूट होकर कार्य किया। कांकेर नगर पालिका परिषद के चुनाव में अपने पसंद के प्रत्याशी को टिकट दिलाने में असफल रहने पर खुलेआम एक निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया। प्रदेष कांग्रेस कमेटी के सदस्य बनाने एवं जिला कांग्रेस का पद दिलाने के लिए उन्हे सिर्फ अपना परिवार एवं कालिख की राजनीति करने वाले व्यक्ति की ही सिफारिश की। 
क्या कांग्रेस में ऐसे पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी ?
पार्टी में अनुशासन की दरकार
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को आत्मचिंतन करने का समय आ गया हैं कि पार्टी को अपने स्वार्थों के लिए इस्तेमाल करने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओ के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर ऐसे लोगों को पार्टी से निकाल बाहर करे। क्योंकि वे लोग पार्टी के भीतर रह कर पार्टी को खोखला करने में लगें हैं। 

कांकेर गढ़िया महोत्सव का सफल आयोजन

08 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2010 तक शारदेय नवरात्र पर्व के अवसर पर कांकेर गढ़िया महोत्सव के सफल आयोजन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों के प्रति श्रीश्री योगमाया कांकेश्वरी देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने आभार व्यक्त किया हैं।
कांकेर गढ़िया महोत्सव के सफल आयोजन का यह पंचम वर्ष हैं। गढ़िया महोत्सव के आयोजन से कांकेर की एक विशिष्ठ पहचान बनते जा रही हैं। सभी वर्गों का सहयोग इस आयोजन को मिलते आ रहा हैं। छुटपुट विरोध के स्वर भी मुखरित होते हैं, बावजूद उसके गढ़िया महोत्सव का आयोजन सफलतापूर्वक होते आ रहा हैं।
भगवान से प्रार्थना है कि जो लोग गढ़िया महोत्सव के आयोजन का विरोध करते हैं उन्हे सदबुद्धि प्रदान करें।

शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

नक्सल समस्या : रमन सरकार की नीतियां जिम्मेदार


कांकेरः- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह द्वारा म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अखिल  भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री दिग्विजय सिंह के ऊपर लगाये गये आरोपो की निंदा करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेश तिवारी कहा कि कोई अंहकारी व्यक्ति की ऐसे तुच्छ एवं घटिया आरोप किसी पर लगा सकता है। छत्तीसगढ़ में बढ़ती नक्सल समस्या के लिए अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर कार्य कर रही रमन सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। 
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि श्री दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की प्रासंगिता हमेशा पूरे देश में बनी रहेगी। नक्सल समस्या वहां उत्पन्न होती है जहां भ्रष्टाचार एवं शोषण के कारण विकास कार्य अवरूद्ध हो जाते हैं। दिग्विजय सिंह ने इस समस्या के उत्पन्न होने के कारणों को जानते हुए ही पूरे देश में सर्वप्रथम पंचायती राज का कानून म.प्र. में लागू किया एवं पंचायतों को पूरे अधिकार देते हुए विकास के कार्य उनके माध्यम से प्रारंभ कराया था। दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में ही पूरे बस्तर संभाग में प्रत्येक गांवों में सड़कों का जाल बिछा था, प्रत्येक गांवों में स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी, स्कूल भवन, पंचायत भवन बनाये गये। उनके कार्यकाल में ही बस्तर की विशालता को देखते हुए तीन जिले बनाये गये। सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर गांव की सत्ता स्थापित की गई थी। पंचायतों को शिक्षाकर्मी, पंचायत कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी आदि भर्ती के अधिकार प्रदान किये थे जिससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। बस्तर के स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके इसके लिए उनके शासनकाल में सहकारी समिति के माध्यम से वनोपज खरीदी, माईनिग की खदाने एवं आबकारी के ठेके सहकारी समिति को देने की नीति बनाई। 
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज तक नक्सलवाद से निपटने के लिए कोई नीति ही तैयार नही कि है बल्कि उनकी नीति ऐसी रही है जिससे नक्सलवाद बढ़े हैं। जिसके कारण 700 से भी ज्यादा गांव खाली हो गये एवं लाखों लोगों को शरणार्थी के रूप में जीवन यापन करना पड़ा और हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। रमन सिंह ने पंचायतों के सारे अधिकार खत्म कर अधिकारियों को हस्तांतरित कर दिये ताकि उनके माध्यम से भ्रष्टाचार किये जा सके। बस्तर के स्थानीय युवा बेरोजगार भटकते हुए नक्सलवाद की ओर बढ़ रहे हैं एवं बाहरी व्यक्ति से पैसे वूसल कर उन्हे बस्तर में नौकरी दी जा रही हैं। केन्द्र सरकार की योजनाओं से प्राप्त राशि में घोटाला किया जा रहा है उसका उदाहरण कांकेर जिले का रोजगार गारंटी योजना घोटाला, शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला, पुलिस बल भर्ती में पैसे की वसूली। ये सारे पैसे भाजपा नेताआंे व उनके समर्थक व्यापारियों की जेब में जा रहे है जिसके कारण आज अनेक भाजपा नेता करोड़ों की संम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं।