बुधवार, 3 नवंबर 2010

कांग्रेसजन सोनिया गांधी की नसीहतों का पालन करें


नई दिल्ली: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने चौथी बार कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा है कि वे सादगी का जीवन बिताएं। सोनिया गांधी ने नक्सलवाद, महंगाई जैसी समस्याओं के प्रति चिंता भी जताई। साथ ही कांग्रेसजनो से कहा कि उन्हे विभिन्न पदों में मनोनयन का अधिकार तो प्रदान कर रहे हैं किन्तु इससे कुछ लोग छुट सकते हैं, इससे उन्हे नाराज होने की जरूरत नही है। वे कुछ इंतजार भी करे उन्हे इंतजार का फल अवश्य मिलेगा। 
श्रीमती सोनिया गांधी ने विपक्षी पार्टी के साथ सहयोगी पार्टीयों को भी कहा कि पार्टी के द्वारा समझौता करने का यह मतलब नही है कि पार्टी अपनी जमीन छोड़ देगी। पार्टी जमीनी स्तर पर कार्य करती रहेगी। 
श्रीमती सोनिया गांधी ने नक्सली आतंकवाद के बारे में चिंता करके यह जता दिया है कि पार्टी छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्योें मंे नक्सलवाद की बढ़ रही गतिविधियों से अनजान नही है। अपनी चिंता जता कर सोनिया ने केन्द्र सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रकार से अगाह भी किया हैं। 
श्रीमती सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं को सादगीपूर्ण जीवन जीने की सलाह दी है। किन्तु पार्टी के ही बड़े नेता इसका पालन नही करते। पार्टी में अनुशासनहीनता भी काफी बढ़ी है और इसके लिए भी पार्टी के बडे़ नेता ही जिम्मेदार हैं। श्रीमती गांधी के नसीहत का पालन कांग्रेस के बड़े नेता करने लगें तो निश्ंिचत रूप से पार्टी का उद्धार होगा। आज कांग्रेस में सबसे बड़ी चिंता अनुशासनहीनता की हैं। 
श्रीमती सोनिया गांधी के द्वारा अधिवेशन में दिये गये भाषण से निश्चिंत रूप से कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा हैं। कांग्रेस पार्टी में श्रीमती सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी ही मुख्य आकर्षण का केन्द्र बिन्दु हैं एवं पार्टी की जान हैं। इनके दम पर ही पार्टी टिकी हुई हैं। इन दोनो नेताओं के त्याग एवं सादगी पूर्ण जीवन का कांग्रेसजनों को अनुसरण करना चाहिए।

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