बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

राहुल के बारे में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने वाले नेता को मौन श्रद्धांजलि

राजनीति में सस्ती लोकप्रियता पाने व खबरों मे बने रहने के लिए नेताओं के द्वारा अपने राजनैतिक विरोधियों के बारें में हल्की एवं ओछी भाषा का प्रयोग किया जाना एक शगल बनता जा रहा हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के चुनावी सभा में जदयू नेता शरद यादव के द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री राहुल गांधी के बारे में की गई टिप्पणी की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम हैं। श्री राहुल गांधी को गंगा में बहाने की बात करने वाले ऐसे नेता को ही किसी गंदे नाले में विसर्जित कर देना चाहिए।
ऐसा कोई पहली बार नही हो रहा है, इसके पहले भी विरोधी दल के नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी एवं अन्य कांग्रेस नेताओं के बारे में ऊलजलूल टिप्पणी कर चुके हैं। विशेष कर भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गटकरी, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जैसे अनेक नेता कांग्रेस के दोनो नेताओं के बारे में अपने दिल की भड़ास निकाल चुके हैं। ये लोग श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी जैसी लोकप्रियता देश की जनता के बीच हासिल नही कर पाए हैं। जिसकी कसक उनके दिलों में जरूर उठती होगी यही कारण है कि गाहे बगाहे ऐसे नेता हल्की टिप्पणी करके मिडिया में प्रचार पा जाते हैं और बाद में अपने बयान से ही मुकर कर कहते हैं कि उनकी जुबान गलती से फिसल गई।
देश में अनेक ऐसे नेता हुए है जो कुछ दिनों तक तक तो अपनी भाषा के कारण खबरों में बने रहे, किन्तु बाद में वे लोग किस गंदे नाले के गटर में पड़े है उनका कोई अतापता भी नही हैं। ऐसे नेताओं को मौन श्रद्धांजलि अर्पित करना ही श्रेयष्यकर हैं।

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