शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

नक्सल समस्या : रमन सरकार की नीतियां जिम्मेदार


कांकेरः- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह द्वारा म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अखिल  भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री दिग्विजय सिंह के ऊपर लगाये गये आरोपो की निंदा करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेश तिवारी कहा कि कोई अंहकारी व्यक्ति की ऐसे तुच्छ एवं घटिया आरोप किसी पर लगा सकता है। छत्तीसगढ़ में बढ़ती नक्सल समस्या के लिए अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर कार्य कर रही रमन सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। 
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि श्री दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की प्रासंगिता हमेशा पूरे देश में बनी रहेगी। नक्सल समस्या वहां उत्पन्न होती है जहां भ्रष्टाचार एवं शोषण के कारण विकास कार्य अवरूद्ध हो जाते हैं। दिग्विजय सिंह ने इस समस्या के उत्पन्न होने के कारणों को जानते हुए ही पूरे देश में सर्वप्रथम पंचायती राज का कानून म.प्र. में लागू किया एवं पंचायतों को पूरे अधिकार देते हुए विकास के कार्य उनके माध्यम से प्रारंभ कराया था। दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में ही पूरे बस्तर संभाग में प्रत्येक गांवों में सड़कों का जाल बिछा था, प्रत्येक गांवों में स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी, स्कूल भवन, पंचायत भवन बनाये गये। उनके कार्यकाल में ही बस्तर की विशालता को देखते हुए तीन जिले बनाये गये। सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर गांव की सत्ता स्थापित की गई थी। पंचायतों को शिक्षाकर्मी, पंचायत कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी आदि भर्ती के अधिकार प्रदान किये थे जिससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। बस्तर के स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके इसके लिए उनके शासनकाल में सहकारी समिति के माध्यम से वनोपज खरीदी, माईनिग की खदाने एवं आबकारी के ठेके सहकारी समिति को देने की नीति बनाई। 
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज तक नक्सलवाद से निपटने के लिए कोई नीति ही तैयार नही कि है बल्कि उनकी नीति ऐसी रही है जिससे नक्सलवाद बढ़े हैं। जिसके कारण 700 से भी ज्यादा गांव खाली हो गये एवं लाखों लोगों को शरणार्थी के रूप में जीवन यापन करना पड़ा और हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। रमन सिंह ने पंचायतों के सारे अधिकार खत्म कर अधिकारियों को हस्तांतरित कर दिये ताकि उनके माध्यम से भ्रष्टाचार किये जा सके। बस्तर के स्थानीय युवा बेरोजगार भटकते हुए नक्सलवाद की ओर बढ़ रहे हैं एवं बाहरी व्यक्ति से पैसे वूसल कर उन्हे बस्तर में नौकरी दी जा रही हैं। केन्द्र सरकार की योजनाओं से प्राप्त राशि में घोटाला किया जा रहा है उसका उदाहरण कांकेर जिले का रोजगार गारंटी योजना घोटाला, शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला, पुलिस बल भर्ती में पैसे की वसूली। ये सारे पैसे भाजपा नेताआंे व उनके समर्थक व्यापारियों की जेब में जा रहे है जिसके कारण आज अनेक भाजपा नेता करोड़ों की संम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें