मंगलवार, 15 नवंबर 2011

किसान महा-पंचायत का होगा गठन


गैर राजनैतिक होगा किसानों का संगठन, किसानों की मांगों को लेकर होगा विशाल आन्दोलन

कांकेर: - इस वर्ष कांकेर जिले में कम वर्षा के कारण सूखा पड़ा है, जिसके कारण धान की कम पैदावार होने के कारण किसान अपना कर्ज पटाने की स्थिति में नही हैं। उसके बावजूद भी सरकार के द्वारा जिले के कांकेर, नरहरपुर, चारामा, भानुप्रतापपुर, पखांजूर, अंतागढ़ एवं दुर्गूकोंदल किसी भी तहसील को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित नही किया गया हैं। अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित नही होने से किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नही मिल पायेगा। राजेश तिवारी ने ब्यान जारी कर कहा है कि किसानों की अनेको समस्याओं की आवाज को बुलंद करने बस्तर संभाग स्तरीय किसान महा पंचायत का गठन कर इस गैर राजनैतिक संगठन के माध्यम से किसानों की मांगों को पूरा कराया जायेगा। सबसे पहले कांकेर जिले के प्रत्येक ब्लाक, लेम्स, एवं गांव स्तर तक किसानों का संगठन खड़ा किया जायेगा। 
श्री तिवारी ने कहा कि आज किसानों को उनके किसी भी फसल धान, दलहन, तिलहन एवं वनोपज का पूरा कीमत नही मिल पा रहा हैं, किसान शोषण को मजबूर हैं। किसान महा पंचायत के माध्यम से सभी फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि, जिले के सातो तहसील को सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर किसानों की कर्ज माफी, जिले दुधावा, परलकोट बांध सहित अन्य बांध का पूरा पानी सिंचाई के लिए किसानों को दिलाने व सिचाई का रकबा बढ़ाने, किसानों के  सभी प्रकार के धान के एक एक दाने की खरीदी, प्रदेश सरकार द्वारा घोषित 270 रू. का बोनस दिलाने, तेन्दुपत्ता सहित सभी वनोपज के समर्थन मूल्य में वृद्धि, किसानो को मुफ्त बिजली एवं पंप कनेक्शन  दिलाने आदि मांगों को लेकर विशाल आन्दोलन किया जायेगा। 

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