शनिवार, 6 अगस्त 2011

आरोपी को बचा रही पुलिस : राजेश तिवारी



कांकेर। पूर्व जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह अंडी गांव में हुए स्कूली बच्चे की हत्या के मामले में आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है। श्री तिवारी ने यह बातें पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।

बुधवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में श्री तिवारी ने कहा कि गांव के लोगों की गवाही और आरोपी द्वारा गांव वालों के सामने अपना अपराध कबूल करने के बाद भी उसके खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रही थी। गांव वालों, कांग्रेसियों और मितानीनों के द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद पुलिस हरकत में आई। लेकिन इन सब के बाद भी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज न कर, अइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस यह कार्यवाही उसे संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर देती है। उन्होंने आशंका जताई की जो व्यक्ति मृतक की माता शांताबाई को रूपए-पैसे का लालच देकर मामले का दबाने की बात कह सकता है, निश्चित रूप से ऐसे व्यक्ति के द्वारा मामले को दबाने के लिए पुलिस को भी रूपए-पैसों का लाचल दिया होगा। उन्होंने कहा इससे यह संदेह और भी अधिक गहरा हो जाता है कि जब गांव की चुगोबाई अपना बयान दर्ज कराने थाने पहुंची तो उसका बयान नहीं लिया गया। वहीं चुगोबाई का इस संबंध में कहना है कि घटना के दिन वह अपने खेत की ओर गई हुइ थी जहां से वापस आते समय उसने जब शांता के घर उसके के बच्चों को देखने पहुंची तो उसने संजय को फांसी पर झूलता हुआ पाया। इसके बाद वह वहां से चली गई और उसके बड़े भाई से घर जाने को कहा। उसने कहा कि वह यह सब देखकर घबरा गई थी। जिसके कारण उसने यह बात किसी से नहीं कही। श्री तिवारी ने कहा कि चुगोबाई के बयान के बाद यह साबित हो जाता है कि संजय की हत्या हुई। जिसके बाद पुलिस द्वारा अइरादतन हत्या का मामला दर्ज करना संदेश के दायरे से परे नहीं रह जाता। इन सब बातों को देखते हुए लगता है मानो पुलिस स्वयं आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही हो। साथ ही आरोपी के द्वारा गवाहों को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यदि पुलिस शीघ्र ही उचित कार्यवाही नहीं करती है तो कांग्रेस पुरे गावंवालों के सहयोग के साथ आंदोलन करेगी। ताकि संजय के हत्यारे को सजा मिल सके। इस अवसर शांताबाई निषाध, चुगोबाई, पूरन निषाद, नरेश बिछिया, राघवेन्द्र राजपूत, कृष्ण कुमार, उजियार सिंग तेता, पूरन सिन्हा, बसंत जैन, कुशल ठाकुर, खेमन साहू, उमेश्वर साहू, फलेश्वर साहू, उजियार निषाद व अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।




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