बुधवार, 3 अगस्त 2011

मितानिन के साथ कांग्रेसियों ने बोला हल्ला


कांकेर। ग्राम अंडी में एक स्कूली छात्र की मौत का मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है। मृत बालक के परिजनों के साथ जहां कांग्रेस ने इस प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है वहीं अब ग्रामीणों व जिले के मितानिनों ने दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में पाँच अगस्त को धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि पिछले १७ जुलाई को ग्राम अंडी निवासी शांता बाई निषाद ने पुलिस को बताया था कि छठवीं कक्षा में पढ़ने वाले उसके पुत्र संजय को गांव के एक व्यक्ति चैनूराम ने पिटाई कर दी थी जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद न तो उस व्यक्ति ने पूछताछ की गई और न ही कोई कार्रवाई की गई। काफी दिन बाद शव को निकालकर पोस्टमार्टम किया गया। श्रीमती शांता बाई निषाद ने बताया था कि उन्होंने पुलिस में शिकायत की है कि गांव के चैनूराम व उसकी पत्नी ने उसके बेटे संजय की पिटाई की है, जिससे उसकी मौत हो गई। इस बात का उन्हें तब पता चला जब मृत बच्चे के बड़े भाई अभिमन्यू ने घटना का खुलासा किया। अभिमन्यू ने अपनी मां से कहा कि वह गांव में रहकर नहीं पढ़ना चाहता। कारण पूछने पर उसने बताया कि संजय को चैनूराम ने मारा है। महिला ने बताया कि इसके बाद गांव में बैठक भी हुई जिसमें कथित आरोपी ने अपना अपराध कबूल करते हुए माफ करने की बात कही। बावजूद इसके उसने पुलिस में पूरी घटना की जानकारी दी। फिर भी अभी तक आरोपी से कोई पूछताछ नहीं की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मृत बालक की मां शांता निषाद के समर्थन में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मितानिन व कांग्रेसजनों ने कलेक्टोरेट में हल्ला बोला। इस अवसर पर मितानीन चन्द्रिका जैन, मेम सिन्हा, लकेश्वरी साहू, फूलेश्वरी निषाद, राजेश्वरी सेन, पदमा कांगे, ललीता कुंजाम, परमेश्वरी साहू, लक्ष्मी श्रीवास्तव, पनमेश्वरी नाग, हेमलता गावड़े, रामजी दर्रो, रामेश्वरी सोनवानी, राधिका दर्रो, भावना गोस्वामी, ईन्दु कावड़े, आशा कावड़े, डोमिता चन्द्रवंशी, सावित्री यादव, हेमलता गावड़े, श्रीमति गायत्री सिन्हा, श्रीमति यशोदा बाई, श्रीमती राजीम बाई, श्रीमति कविता बाई, श्रीमती मेकाई बाई, श्रीमती मानकुंवर, श्रीमती परमीला, श्रीमती चुनेश्वरी, श्रीमती बीराज, श्रीमती सरिता, रीमती रामबत्ती, श्रीमती निखपा, श्रीमती राधा, रामबत्ती, गिरजा, भुनेश्वरी तेता, इन्द्रा बाई मंडावी, तिजा सलाम, सुगुना कोर्राम, शांति दुबे, कुनिता खरे, गायत्री, महेन्द्र सिन्हा, कुशल ठाकुर, श्रीमती प्रमीला चौरसिया, प्रेमबती साहू, उषा चौरसिया, प्रमिला वर्मा, बबली तेता, दशो बाई, आशा चौहान, सरस्वती चौहान, हिरोंदा कुलदीप, सुखबाई टांडिया, हेमबाई गावर, मीना सोनवानी, सवाना सोनवानी, रमूला कांगे, कमलेश्वरी टांडिया, कु.खोरीन यादव, संगीता, सुमित्रा बोरकर, महेश्वरी जैन, चंद्रकला मंडावी, गीता साहू, बिरन जुर्री, चित्ररेखा निषाद, समारी, अंशु कावड़े, भुनेश्वरी रावटे, पदमा साहू, ममता रवटे आदि उपस्थित थी।

कलेक्टर चैंबर में धरना

इस मामले को लेकर मंगलवार को कलेक्टोरेट चैंबर में आक्रोशित लोग धरने में बैठ गए। कांग्रेसजनों व अन्य लोगों ने सवाल उठाया कि अब तक क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिस पर एसपी राहुल भगत ने आश्वस्त किया कि मामले की जाँच चल रही है। हत्या की पुष्टि होने पर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी। शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर धरना समाप्त किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से कांग्रेस जिला कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राजेश तिवारी, नरेश बिछिया, राजेश शर्मा आदि मौजूद थे।

भाजपा नेता के दबाव में है पुलिस
आरोपी के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने कांकेर कलेक्टोरेट पहुंच कर कलेक्टर निर्माल खाखा से यह शिकायत की हत्या की आशंका होने और आरोपी द्वारा गांव वालों के समक्ष मारपीट की बात स्वीकार करने के बाद भी अभी तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस के द्वारा मामले की जांच तो दूर की बात है, अभी तक पुलिस ने एफआईआर भी नहीं किया है। कलेक्टर से मिलने पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने कहा कि पुलिस के इस रवैये का देखते हुए लग रहा है की पुलिस भाजपा नेता के दबाव में है। उन्होंने कहा कि आरोपी का रिश्तेदार भाजपा नेता का ड्राइवर है, जिसके कारण पुलिसिया कार्रवाही में बांधा की शंका जताई जा रही है। स्कूली छात्र की मौत को काफी समय हो जाने के बाद भी पुलिस के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाई नहीं होने पर लोगों में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश दिखने लगा है। कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि यदि कोई छोटा सा विवाद भी हो जाता है तो पुलिस लोगों को पूछताछ के बहाने घंटों तक थाने में बैठाकर रखती है, लेकिन इतनी बड़ी घटना के होने पर पुलिस ने अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के ऐसे रवैये को देखते हुए पुलिस पर से आम लोगों का भरोसा उठने लगा है।


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