गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

ग्राम सुराज अभियान नौटंकी, रमन सरकार की विश्वसनीयता समाप्त : कांग्रेस


कांकेर :-प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ग्राम सुराज अभियान नौटंकी हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी इस अभियान में मात्र खाना पूर्ति करने में लगे हैं। सरकार के आदेश के बाद भी कोई भी दल रात्रि में गांवों में विश्राम नही कर रहा हैं। कुछ अधिकारी कर्मचारी रूकते है तो मात्र दारू मुर्गा खाने के लिए। विगत वर्षों में सरकार द्वारा चलाये गये अभियान के दौरान ग्रामीणों ने अभियान दल को जो समस्याएं लिखित में दी थी, उनमें से किसी भी समस्या का समाधान प्रदेश सरकार के द्वारा नही किया गया। इस अभियान की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांकेर जिले के जिन गांवों में प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने पहुंच कर घोषणाएं की थी उन घोषणाओं का भी क्रियान्वयन सरकार के द्वारा नही किया गया हैं। समस्याओं के निराकरण नही होने के कारण ग्रामीण में आक्रोष व्याप्त हैॅ जिसके कारण इस अभियान का मुखर विरोध हो रहा हैं। कई स्थानों पर अभियान दल को बंधक बनाया जा रहा है तो कई गांवों में दल के सदस्यों को गांवों में घुसने तक नही दिया गया है। इससे प्रदेश सरकार के प्रति आम जनता की कितनी विश्वसनीयता रह गई है यह साबित होता हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेश तिवारी ने ग्रामीणों के द्वारा ग्राम सुराज अभियान का किये जा रहे विरोध का समर्थन करते हुए ग्रामीणों से इस अभियान के बहिष्कार की अपील की हैं ताकि राज्य सरकार को अपने वादा खिलाफी का एहसास हो सके। श्री तिवारी ने कहा कि जिले के अधिकारी मुख्यमंत्री की घोषणा को कितने हल्के से लेते है यह इस बात से भी प्रमाणित हो जाता है कि उन गांवो में जिले के कोई अधिकारी झांकने तक नही गये। पिछले वर्ष डा. रमन सिंह ग्राम कोयलीबेड़ा पहुंच कर वहां ब्लाक स्तरीय कार्यालय को हफ्ते में तीन दिन लगाने के आदेश दिये थे, तथा सेलेगांव एवं कोयलीबेड़ा में अनेक विकास कार्यों की घोषणा भी थी किन्तु उनमें से एक भी पूरी नही हो सकी। जब मुख्यमंत्री की घोषणाओं का यह हाल है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि अधिकारियों को दी गई मांगों के आवेदन को कचरे के डब्बे में डाल दिया जाता होगा। बेहतर है मुख्यमंत्री ग्राम सुराज अभियान के ढक़ोसले को बंद कर दे। 

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